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योजनायेंऔर गतिविधियाँ

गढ़वाली, कुमाउंनी एवं जौनसारी अकादमी दिल्ली सरकार की एक स्वायत्तशासी संस्था हैं। अकादमी की समिति द्वारा निर्धारित नीति और सरकारी नियमों का पालन करते हुए अकादमी गढ़वाली, कुमाउंनी और जौनसारी भाषाओं के प्रचार-प्रसार हेतु प्रतिवर्ष निम्नलिखित कार्य आयोजित किए जाते हैं।

लोक-उत्सव

अकादमी द्वारा गढ़वाली, कुमाउंनी एवं जौनसारी भाषाओं में स्थित संस्कृति और सभ्यता को संरक्षण प्रदान करने के लिए उत्तराखण्ड के विभिन्न लोक-उत्सव आयोजित किये जाते हैं। जिससे लुप्त हो रहे लोक-गीत, लोककथा, वृत्त, नाटक, वाद्य, वेश –भूषा आदि के माध्यम से उत्तराखण्ड की संस्कृति का संरक्षण किया जा सके।

लोक-भाषाओं के व्यवहार व व्याकरण पर आधारित संगोष्ठी

अकादमी द्वारा गढ़वाली, कुमाउंनी और जौनसारी भाषाओं के व्यवहार एवं प्रचार-प्रसार हेतु भाषाओं के ज्ञाता और पारंगत विद्वानों को आमन्त्रित किया जाता है और भाषाओं की स्थिति एवं व्यवहार पर आधारित विचार-विमर्श किया जाता है। इसी प्रकार अकादमी द्वारा भाषा मनोविज्ञान से संबंधित विषयों पर अन्य संगोष्ठियाँ भी आयोजित की जाती है।

साहित्यकार-सम्मेलन

गढ़वाली, कुमाउंनी और जौनसारी भाषाओं के कवि, लेखकों, गीतकारों साहित्यकारों द्वारा गढ़वाली, कुमाउंनी व भाषाओं की विविध साहित्यिक विषयों की रचना में अपना योगदान दिया जाता रहा है, इन साहित्यकारों के सम्मान के उद्देश्य से तथा समाज को उनके विचारों से अवगत करवाने के लिए अकादमी द्वारा इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित किये जाते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

उत्तराखण्ड की संस्कृति से जन-सामान्य को परिचित कराने के उद्देश्य से गढ़वाली, कुमाउंनी एवं जौनसारी अकादमी द्वारा व्यापक रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है, जिनमें विभिन्न प्रकार के नृत्य, संगीत, गायन व प्रदर्शनी आदि का आयोजन किया जाता है।

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