बाल-रंगमंच
अकादमी द्वारा ‘बच्चों की उमंग लोकभाषा के संग’ उद्घोष के साथ दिल्ली के विद्यालयों के विद्यार्थियों की बहुमुखी प्रतिभा के विकास हेतु दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 14 केन्द्रों में गढ़वाली, कुमाउंनी एवं जौनसारी में ‘बाल नाटक कार्यशाला’ का आयोजन किया जाता है। इस कार्यशाला में साहित्यकारों की शिक्षाप्रद कहानियों का नाट्य रूपांतर कर विद्यार्थियों को 20 या 30 दिनों में निःशुल्क नाट्य विधा की बारीकियों और अभिनय कला से अवगत कराया जाता है। तदनन्तर ‘बाल-उत्सव’ के रूप में कार्यशाला में तैयार नाटकों का मंचन आम जनता के समक्ष किया जाता है।