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गढ़वाली, कुमाउंनी एवं जौनसारी अकादमी, दिल्ली में आपका स्वागत है
दिल्ली राज्य में निवास करने वाले गढ़वाली, कुमाउंनी एवं जौनसारी भाषाओं को बोलने वाले नागरिकों की भावनाओं और भारत के उत्तराखण्ड राज्य में बोली जाने वाली गढ़वाली, कुमाउंनी एवं जौनसारी भाषाओं की स्थिति को देखते हुए भारतीय सभ्यता व संस्कृति के विकास और भाषाओं के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार द्वारा अन्य भाषा अकादमियों की तरह दिल्ली में गढ़वाली, कुमाउंनी एवं जौनसारी अकादमी की स्थापना की गयी। जिसके लिए दिल्ली सरकार की अधिसूचना 17.10.2019 द्वारा अकादमी का गठन किया गया।
अकादमी का उद्देश्य गढ़वाली, कुमाउंनी एवं जौनसारी भाषाओं, उनकी संस्कृति, कला और उनके साहित्य का प्रचार-प्रसार करना है।
दिल्ली के माननीय कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री अकादमी के अध्यक्ष होते हैं। अकादमी के अध्यक्ष के द्वारा सदस्यों का मनोनयन करते हुए दो वर्ष की अवधि के लिए एक संचालन समिति का गठन किया जाता है, जिसमें प्रतिष्ठित लेखक, साहित्यकार, पत्रकार आदि विद्वान शामिल होते है।
यह समिति गढ़वाली, कुमाउंनी एवं जौनसारी के साहित्य और इससे जुड़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अकादमी का सहयोग करती है। अध्यक्ष द्वारा संचालन समिति में से ही कार्यकारिणी का गठन किया जाता है, जिसकी बैठकों की अध्यक्षता उपाध्यक्ष द्वारा की जाती है। अकादमी वर्षभर में विभिन्न क्षेत्रों में अनेक साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है। अकादमी का विभागाध्यक्ष सचिव होता है।
